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धारा:- 237 ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए, उसे सत्य के रूप में काम में लाना

अघ्याय 2 की सारी धाराएं विचारण के पहले की (इनके प्रारूप ऊपर हेड में दिए गए है)
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 237

(ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए, उसे सत्य के रूप में काम में लाना)

जो कोई किसी ऐसी घोषणा को, यह जानते हुए कि वह किसी तात्विक बात के सम्बन्ध में मिथ्या है, भ्रष्टतापूर्वक सत्य के रूप में उपयोग में लाएगा, या उपयोग में लाने का प्रयत्न करेगा, वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा, मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो।

व्याख्या:- कोई घोषणा, जो केवल किसी अप्ररूपिता के आधार पर अग्राह्य है, धारा 236 और इस धारा के अर्थ के अन्तर्गत घोषणा है।

अपराध का वर्गीकरण

सजा:- वही जो मिथ्या साक्ष्य देने के लिए है

अपराध:- असंज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- उस न्यायालय द्वारा विचारणीय, जिसके द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने का अपराध विचारणीय है

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।



अघ्याय 2 की सारी धाराएं विचारण के पहले की (इनके प्रारूप ऊपर हेड में दिए गए है)




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